दवा पे ज़िंदा हूँ |
दुआ पे ज़िंदा हूँ ||
तुम्हारे दामन की |
हवा पे ज़िंदा हूँ ||
किसी की शर्मीली |
अदा पे ज़िंदा हूँ ||
हमेशा यारों की |
वफ़ा पे ज़िंदा हूँ ||
फ़क़त सच्चाई की |
बिना पे ज़िंदा हूँ ||
अभी तो मौला की |
रज़ा पे ज़िंदा हूँ ||
विरासत में पाई |
अना पे ज़िंदा हूँ ||
सफ़ीना टूटा है |
ख़ला पे ज़िंदा हूँ ||
किसी से चाहत की |
सज़ा पे ज़िंदा हूँ ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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