Sunday, 6 November 2011

दवा पे ज़िंदा हूँ


दवा  पे  ज़िंदा  हूँ |
दुआ पे  ज़िंदा  हूँ ||

तुम्हारे दामन की |
हवा  पे  ज़िंदा  हूँ ||

किसी की शर्मीली |
अदा  पे  ज़िंदा  हूँ || 

हमेशा   यारों   की | 
वफ़ा पे   ज़िंदा  हूँ ||

फ़क़त  सच्चाई  की |
बिना पे    ज़िंदा  हूँ ||  

अभी तो मौला की |
रज़ा पे  ज़िंदा  हूँ   || 

विरासत  में  पाई |
अना पे  ज़िंदा  हूँ || 

सफ़ीना टूटा      है |
ख़ला पे  ज़िंदा  हूँ ||  

किसी से चाहत की |
सज़ा पे  ज़िंदा  हूँ   || 

डा० सुरेन्द्र  सैनी 

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